भारत सरकार ने Union Budget 2025 पेश कर दिया है, और इसके साथ ही नए टैक्स स्लैब की घोषणा भी की गई है। यह बजट मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यदि आप भी यह जानना चाहते हैं कि नए टैक्स स्लैब के अनुसार आपको कितना टैक्स देना होगा, तो यह लेख आपके लिए मददगार रहेगा।
नए टैक्स स्लैब 2025 (New Tax Slab 2025)
सरकार ने इस बार टैक्स स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव किए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को राहत भी मिली है। नीचे दिए गए टेबल में नए टैक्स स्लैब की जानकारी दी गई है:
आय सीमा (Income Slab) | टैक्स दर (Tax Rate) |
---|---|
0 – 3 लाख रुपये | कोई टैक्स नहीं |
3 – 6 लाख रुपये | कोई टैक्स नहीं |
6 – 9 लाख रुपये | कोई टैक्स नहीं |
9 – 12 लाख रुपये | कोई टैक्स नहीं |
12 – 15 लाख रुपये | 5% |
15 लाख रुपये से अधिक | 10% |
महत्वपूर्ण बिंदु:
- 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
- 12 लाख से 15 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स देना होगा, लेकिन कुछ छूट भी उपलब्ध हो सकती है।
- 15 लाख से अधिक आय वालों के लिए टैक्स दर क्रमशः बढ़ती जाएगी।
क्या नया टैक्स स्लैब आपके लिए फायदेमंद है?
नया टैक्स स्लैब उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है जिनकी आय 7 लाख रुपये तक है। सरकार ने इस बजट में रीबेट (Rebate) का प्रावधान किया है, जिससे 7 लाख रुपये तक की इनकम वाले लोगों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। यानी कि यदि आपकी सालाना आय 7 लाख रुपये से कम है और आप नई टैक्स व्यवस्था को चुनते हैं, तो आपको किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना होगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) का फायदा
स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में नौकरीपेशा लोगों को 50,000 रुपये की छूट पहले की तरह ही जारी रहेगी। इससे टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त राहत मिलेगी।
कौन-सी टैक्स व्यवस्था आपके लिए बेहतर रहेगी?
भारत में दो तरह की टैक्स व्यवस्था है – पुरानी टैक्स व्यवस्था और नई टैक्स व्यवस्था।
- यदि आप पुराने टैक्स सिस्टम में बने रहना चाहते हैं, तो आपको पहले की तरह विभिन्न छूटों और कटौतियों का लाभ मिलेगा।
- नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब तो आसान और कम टैक्स दरों के साथ आता है, लेकिन इसमें 80C, HRA, और अन्य डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा।
- जो लोग ज्यादा निवेश करते हैं, उनके लिए पुरानी व्यवस्था फायदेमंद हो सकती है। वहीं, जिनका इन्वेस्टमेंट कम है, उनके लिए नई व्यवस्था सही हो सकती है।
नए टैक्स स्लैब से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ
- EPF और PPF निवेश पर टैक्स छूट बनी रहेगी – नए टैक्स स्लैब में भले ही 80C की छूट न हो, लेकिन EPF और PPF निवेश पर अभी भी टैक्स बेनेफिट मिलेगा।
- बैंक एफडी पर टैक्स – बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना होगा यदि यह तय सीमा से अधिक है।
- हाउस लोन ब्याज पर छूट – पुराने टैक्स सिस्टम में हाउस लोन के ब्याज पर छूट मिलती थी, लेकिन नई व्यवस्था में यह नहीं मिलेगा।
नए टैक्स स्लैब से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. नया टैक्स स्लैब सभी लोगों पर लागू होगा?
नहीं, नया टैक्स स्लैब केवल उन लोगों पर लागू होगा जो इसे चुनेंगे। यदि कोई व्यक्ति पुरानी टैक्स व्यवस्था में रहना चाहता है, तो उसे वह विकल्प भी मिलेगा।
2. 7 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स छूट कैसे मिलेगी?
यदि आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है और आप नई टैक्स व्यवस्था को चुनते हैं, तो सरकार द्वारा दिए गए रीबेट (Rebate) के कारण आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।
3. क्या नया टैक्स स्लैब बिजनेस करने वालों के लिए भी लागू होगा?
हाँ, नया टैक्स स्लैब व्यक्तिगत करदाताओं (Individual Taxpayers) और व्यवसाय करने वालों (Business Owners) दोनों के लिए लागू होगा, लेकिन कंपनियों के लिए अलग टैक्स स्ट्रक्चर रहेगा।
निष्कर्ष
Union Budget 2025 में नए टैक्स स्लैब के तहत टैक्सपेयर्स को राहत देने की कोशिश की गई है। खासकर 7 लाख रुपये तक की इनकम वालों को इसका सबसे अधिक फायदा मिलेगा। हालाँकि, जो लोग विभिन्न टैक्स डिडक्शन का लाभ उठाना चाहते हैं, उनके लिए पुरानी व्यवस्था बेहतर हो सकती है। इसलिए, नई या पुरानी टैक्स व्यवस्था में से कोई एक चुनने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और निवेश योजनाओं को ध्यान में रखें।
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